इस आयोजन का मुख्य अतिथि आलोक को क्यों नहीं बनाया गया जो कि हमारी बिरादरी के भीष्म पितामह हैं, पंकज अक्षरग्राम संस्थापक, जीतू नारद संचालक, रविरतलामी सैकड़ों को हिंदी चिट्ठाजगत का रास्ता दिखाने वाले, मैथिली जी ब्लॉगवाणी संचालक, जगदीप दांगी जी, देबू दा इंडीब्लॉगीज संस्थापक, अमित गुप्ता परिचर्चा संचालक और ग्लोबल वॉयसिज पर हिंदी की अलख जगाने वाले, बालेँदु प्रभासाक्षी संपादक, बेँगाणी बंधु, रमण कौल यूनीनागरी टूल वाले, हिंदी टूलकिट वाले हिमांशु या फिर हरिराम जी और नारायण प्रसाद जी जैसे हिंदी कंप्यूटिँग के विद्वान.
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@”इस आयोजन का मुख्य अतिथि आलोक को क्यों नहीं बनाया गया जो कि हमारी बिरादरी के भीष्म पितामह हैं, पंकज अक्षरग्राम संस्थापक, जीतू नारद संचालक, रविरतलामी सैकड़ों को हिंदी चिट्ठाजगत का रास्ता दिखाने वाले, मैथिली जी ब्लॉगवाणी संचालक, जगदीप दांगी जी, देबू दा इंडीब्लॉगीज संस्थापक, अमित गुप्ता परिचर्चा संचालक और ग्लोबल वॉयसिज पर हिंदी की अलख जगाने वाले, बालेँदु प्रभासाक्षी संपादक, बेँगाणी बंधु, रमण कौल यूनीनागरी टूल वाले, हिंदी टूलकिट वाले हिमांशु या फिर हरिराम जी और नारायण प्रसाद जी जैसे हिंदी कंप्यूटिँग के विद्वान.”-
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इस आयोजन का मुख्य अतिथि आलोक को क्यों नहीं बनाया गया जो कि हमारी बिरादरी के भीष्म पितामह हैं, पंकज अक्षरग्राम संस्थापक, जीतू नारद संचालक, रविरतलामी सैकड़ों को हिंदी चिट्ठाजगत का रास्ता दिखाने वाले, मैथिली जी ब्लॉगवाणी संचालक, जगदीप दांगी जी, देबू दा इंडीब्लॉगीज संस्थापक, अमित गुप्ता परिचर्चा संचालक और ग्लोबल वॉयसिज पर हिंदी की अलख जगाने वाले, बालेँदु प्रभासाक्षी संपादक, बेँगाणी बंधु, रमण कौल यूनीनागरी टूल वाले, हिंदी टूलकिट वाले हिमांशु या फिर हरिराम जी और नारायण प्रसाद जी जैसे हिंदी कंप्यूटिँग के विद्वान.